यूपी में कोरोना से पहली मौत: ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी, कमजोर इम्यूनिटी की वजह से कोरोना का शिकार बन गया 25 साल का युवक
बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा है कि कोरोना से मरे 25 वर्षीय हसनैन अली की हाल की बस्ती से बाहर की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं थी। वह 10-12 साल से अस्थमा का मरीज था जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी और इसी वजह से वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गया।
डीएम ने यह बात 29 मार्च के बस्ती के जिला अस्पताल में हसनैन का चेकअप करने वाले जनरल फिजिशियन के डायग्नोसिस शीट के हवाले से कही। डीएम ने बताया कि हसनैन की मौत के बाद उनके परिवार के छह सदस्यों और कैली हॉस्पिटल की एम्बुलेंस के ड्राइवर, एक कर्मचारी, जिला अस्पताल के 14 डॉक्टरों-कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है। बस्ती के गांधी के तुर्कहईया मोहल्ले को सैनिटाइज किया जा रहा है। हसनैन के घर के आसपास के इलाके में सर्वे कराया जा रहा है कि कौन-कौन उनके सम्पर्क में आया था। इसके अलावा हसनैन के जनाजे में शामिल मौलवी और 15-20 अन्य लोगों के स्वास्थ्य की भी जांच कराकर जरूरत के हिसाब से लोगों को क्वारंटीन किया जाएगा।
हसनैन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए डीएम ने बताया कि उन्हें 28 मार्च को 7:54 बजे बस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उन्हें गले में दर्द और तीन दिन से बुखार की शिकायत थी।पहले इन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया फिर दूसरे वार्ड में भेज दिया गया। वहां 28 मार्च की रात में ही हसनैन की हालत खराब होने लगी। 29 मार्च की सुबह रिसपैरिटरी डिस्ट्रेस के साथ समस्या बढ़ने लगी तो जनरल फिजिशियन ने देखा। 29 मार्च को ही 11:40 बजे उन्हें रेफर कर दिया गया। 3:42 बजे बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में वह एडमिट हुए जहां 30 मार्च को सुबह आठ बजे उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट लिखा है। लेकिन इसके साथ ही हसनैन के थ्रोट स्वॉब का नमूना जांच के लिए रख लिया गया था। जांच में वह पॉजिटिव आया। कम्फर्म करने के लिए नमूना केजीएमयू लखनऊ भेजा गया। जहां से बुधवार की सुबह पॉजिटिव की रिपोर्ट आई है। डीएम बस्ती ने कहा कि यह सूचना मिलने के बाद तमाम एहतियाती कदम उठाए गए हैं। उन्होंने लोगों से पैनिक न होने और कोरोना की रोकथाम के लिए की जा रही कोशिशों में लॉकडाउन का पालन करते हुए सहयोग करने की अपील की।